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Thursday, June 4, 2020

Motivational travel with Eagle Story






 ट्रैवल  Travel के कितने Benifit  हैं   उसको पूरी तरह से बता पाना असंभव सा है क्योंकि जब हम घूमते हैं चीजों को ऑब्जर्व observe करते हैं तो हम अपने दिमाग के अनुसार वहां से वह प्राप्त करते हैं  जैसा हमारे अंतर्मन में चलता होता है लेकिन एक दूसरे शब्दों में कहें कि इस Travel को कोई मौज के तौर पर लेता है तो कोई शोध के रूप में लेता है कोई ज्ञान अर्जन , प्रकृति सौंदर्य दर्शन  के रूप में लेता है 
इस सभी का वृत्तांत यह है कि हम अपने आप को खुश रखते हैं यात्रा के दौरान जिससे तनाव एवं मानसिक  चिड़चिड़ा हट से मुक्ति मिलती है.. 
 उदाहरण के तौर पर हम या जान सकते हैं कि एक यात्रा और एक किताब में क्या समानता है और उसके पाठकों को वही मिलता है जो  पाठक चाहता है जैसे कि हम किसी एक मैगजीन को पढ़ रहे हैं और इस मैगजीन को पढ़ने वाले हर आयु वर्ग के लोग हैं तो वह अपने हिसाब से अपनी  सामग्री चुन लेते हैं जो उनको  पढ़ना है क्योंकि पूरी मैगजीन कोई नहीं पड़ता वह अपना मटेरियल खुद  चुन लेता है   उसी तरह यात्रा के दौरान यात्री क्या ग्रहण करता है वह हर यात्री  का अलग होता है.. 
ऐसे ही एक बार हम घूमते हुए एक सेमिनार में जा पहुंचे जहां पर एक स्पीकर ने एक बहुत ही मोटिवेशनल कहानी बताई जिस के कुछ अंश आज हम यहां  प्रस्तुत कर रहे हैं ध्यान से
 पढ़िए गा

 कहानी कुछ इस तरह से है
एक बार एक राजा जंगल में शिकार करने को निकला होता है रास्ते में उसको दो बाज के बच्चे दिखाई देते हैं बाज एक पक्षी होता है वहां पर नजदीक में एक किसान भी दिखाई देता है जो अपने खेतों में काम करता रहता है राजा उस किसान को बुलाता है और बाज के बच्चों के बारे में पूछता है किसान बताता है की इन बच्चों की मां किसी कारण से मर गई है इन बच्चों को भी कोई और बाज पाल नहीं रहा है यह 2 दिन से ऐसे ही यहां पड़े हैं
 यह सुनकर राजा  को दया आती है और किसान से बोलते हैं कि इसको तुम पालन पोषण कर दो और पालन-पोषण में जो भी खर्च हो राजकोष से प्राप्त कर लिया करो इस पर किसान राजी हो जाता है
ऐसे ही कई वर्ष बाद राजा उसी रास्ते से गुजर रहे होते हैं तो उसको वह बाज के बच्चे वाली घटना याद आ जाती है और फिर उत्सुकता बस उस किसान के घर पहुंच जाते हैं
 किसान राजा को देखकर बहुत खुश होता है और   बाज के बच्चे जो बड़े हो गए हैं उनके बारे में बताने लगता है
 राजा बड़े बाजो को देखकर प्रसन्न होते हैं और बोलते हैं इनको उड़ा कर दिखाओ.
किसान बाजों को उड़ाता है एक बाज़ अपने पंख फैला कर आसमान में उड़ता है तथा दूसरा बाज एक पेड़ के डाल पर जा कर बैठ जाता है राजा बोलते हैं इसको भी उड़ाओ |
 किसान बोलता है यह बहुत कम उड़ता है थोड़ा सा उड़कर इस  डाल पर आकर बैठ जाता है    यह आलसी है   , या इसे कोई बीमारी है जिसके कारण बार-बार डाल पर आकर बैठ जाता है
राजा उसके उपचार के लिए वैद्य  बुलाते हैं वह जांच कर बताते हैं कि ऐसी कोई दिक्कत तो नहीं है इसमें फिर  उड़ता क्यों नहीं है 
इस पर राजा दूसरे  वैद्य को बुलाने के लिए घोषणा करते हैं  जो भी इस बांज को उपचार कर उड़ा देगा उसको 100 अशर्फी इनाम दी जाएगी यह घोषणा सुनकर राज्य के बहुत से वैद्य किसान उसका इलाज करते हैं परंतु बाज उड़ता नहीं है उसी डाली पर जाकर बैठ जाता है, 

 सभी लोग उसके उपचार में विफल रहते हैं इन्हीं दिनों एक किसान आता है और वह बाज को उड़ा देता है बाज पंख फैलाए आसमान की ऊंचाई में उड़ान भरता है यह देखकर सभी आश्चर्यचकित हो जाते हैं

क्या आप बता सकते हैं कि किसान  ने क्या उपचार किया होगा? 
 हां मैं बताता हूं 
किसान उस पेड़ की उस डाल को ही काट देता है जहां वह   बाज जाकर  बार-बार बैठता है.
 यह कहानी अच्छी लगी आपको परंतु क्या आपको इस कहानी का मोरल समझ में आया 
नहीं तो मैं बताता हूं आप सभी वह बाज हैं जो कभी कैंटीन, पार्क, घर ,टीवी के सामने, दोस्तों से गप्पे मारना, व्हाट्सएप, फेसबुक पर आकर बैठ जाते हैं उड़ने की कोशिश नहीं करते हैं किंतु समस्या यह है कि आपकी उस डाल को  काटने कोई और नहीं आएगा उसे स्वयं ही काटना होगा |

आपने यह कहानी पढ़ा तो मैं आगे कुछ नहीं लिख सकता, क्योंकि यह वही किताब है जो हर पाठक अपनी पसंद की चीज खोज लेता है , यह कहानी आपको किस तरह से प्रेरित करेगी आपकी परिस्थिति, दिशा पर निर्भर करेगी |
धन्यवाद
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